बेफिक्री भरे ठहाके

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आंसुओं मे क्या रखा है, थोड़े  ठहाके लगाया कीजिये। औरों पर हँसने के बहाने बहुत हैं, कभी आईने मे खुद पर , बेफिक्र हो मुस्कराया कीजिये। जिन्दा रहने के बहाने , ...

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