मेरी कविताओं का जहां...!!

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एक कविता सी जीती है मुझमें कहीं, लफ्ज़ लफ्ज़ बनकर.... कलम से कागजों पर उतरती हैं कहीं, ये चलती हवाएं बहारें सी जीती हैं कहीं, धुन सी कोई बजती हैं कहीं, ...

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