1 Part
439 times read
14 Liked
एक कविता सी जीती है मुझमें कहीं, लफ्ज़ लफ्ज़ बनकर.... कलम से कागजों पर उतरती हैं कहीं, ये चलती हवाएं बहारें सी जीती हैं कहीं, धुन सी कोई बजती हैं कहीं, ...