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\' आखरी शाम \' ऐ जिन्दगी ! अब लौट जाना चाहता हूँ इस कशमकश से सुकून की छाँव में ताकि कुछ पल बीता सकूँ अपने आशियाने में रिश्तों की छाँव तले ...