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गीत अब अनुग्रह मान कर तुम,स्वप्न को साकार कर दो। जो कथानक चल रहा है, उसका उपसंहार कर दो।। याचिका पर चाहता हूँ, सिर्फ अनुमोदन तुम्हारा। हाँ मुझे स्वीकार है, यदि ...