1 Part
395 times read
37 Liked
अधूरी दास्तां रात का दूसरा पहर चल रहा था। हर तरफ गहरा सन्नाटा पसरा हुआ था। रोशनी के लिए रास्ते के किनारे लगे खंभों पर लाइटें जल रही थी। सर्द रात ...