1 Part
340 times read
38 Liked
चाहकर भी कभी उसकी खामोशी ना समझ पाए, मुस्कुराहटों में छिपी उनकी उदासी ना समझ पाए। समझदार होकर भी हम नासमझ ही रह गए, बेबसी हो मजबूरियों में ये जुदाई भी ...