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प्रकृति सूरज की तपिश से घबराई थी वसुंधरा आए आसमां पर जब काले काले बदरा मयूर नाचे छमछम, भ्रमर गाएं गीत कोकिलों संग तान भरें टिटहरियों ने संगीत नदी पोखर सब ...