ग़ज़ल

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🌹*🌹*🌹*🌹ग़ज़ल 🌹*🌹*🌹*🌹 तिरछी  नज़र  को  देख  के मख़मूर हो गया। दिल  तुम से इश्क़ करने को मजबूर हो गया। उनकी जफ़ा  से शीशा -ए -दिल चूर हो गया। रिसरिस के ज़ख़्म ...

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