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किस कदर बेख़ौफ़ होती हैं ये यादें वक़्त-बेवक़्त चहलक़दमी करती हैं दिल की दरों दिवार पर डरतीं नहीं हैं,भटक जाती हैं अक्सर अनजानी राहों मैं एक बार निकलती हैं तो फिर ...