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मुक्तक रात तारों भरी झिलमिलाती रही। चांदनी देखकर मुस्कुराती रही।। हिचकियों ने संदेशा दिया रात भर। एक गजल याद में आती जाती रही।। रचनाकार भरत सिंह रावत भोपाल मध्यप्रदेश प्रतियोगिता हेतु ...