मुंशी प्रेमचंद ः सेवा सदन

75 Part

151 times read

1 Liked

38 जिस दिन से बारात लौट गई, उसी दिन से कृष्णचन्द्र फिर से बाहर नहीं निकले। मन मारे हुए अपने कमरे में बैठे रहते। उन्हें अब किसी को अपना मुंह दिखाते ...

Chapter

×