गुमनाम, लाशें

1 Part

372 times read

11 Liked

अरे भाई साहब यहां कैसे? बड़े दिन बाद दर्शन, मुलाकात हुई तो यहां पे (दशाश्वमेध घाट प्रयागराज) मैंने चौंककर पूछा , कौन है, क्या हुआ, कोई अपना या पास, पड़ोस रिश्तेदार। ...

×