लेखनी कविता -03-Apr-2022

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उसके नीले नैनों की तिरछी नज़र से इस कद्र थे यारों हम यूँ घायल हुए जब पता चला नज़र ही तिरछी है तो दिमाग से यारो हम पागल हुए पहले तो ...

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