ढलती ज़िन्दगी

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ढलती ज़िन्दगी  रही  साथ वक़्त के  सिसका लम्हा रात ठहरी रही !  अश्को एक डोर में पिरोते रहे  अरमानो की लाश कंधे सहते रहे ! जग में देखा न कोई मुझ ...

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