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मुक्तक भवर के बीच उलझे हैं, उन्हें साहिल नहीं मिलता। जो मेरे दिल में रहता है सरे महफिल नही मिलता।। तमन्ना है मोहब्बत में हमारा कत्ल हो जाए। कभी खंजर नहीं ...