लेखनी कविता -कविता संग्रह कोहरा

51 Part

175 times read

2 Liked

कोहरा हर तरफ छाया है कोहरा...आँखें हैं कुछ मजबूर धुंधली सी बादल की एक चादर है कुछ नहीं आता नज़र दूर दूर... बस कुछ थोड़ी सी रोशनी और उसके पर सब ...

Chapter

×