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तेरी दुनिया मेरी रब्बा क्यों मुझे ही रास नही दिल टूटा कोई जोड़े रही कोई आस नही जख्म पहले मिटे ना आकर और देते हैं मानो जिनको सहारा वो ही छोड़ ...