लेखनी कविता -06-Apr-2022

1 Part

433 times read

37 Liked

तरीका यह गुनाह का, बड़ा अनमोल रखा है, यह निगाहें ही क़ातिल हैं, जिन्हें खोल रखा है। न जाने कब चुपके से यह तीर चला जाती है, अच्छे खासे इंसान को ...

×