51 Part
176 times read
1 Liked
और ही राग टेबिल टाप पर तुम्हारी उँगलियाँ पड़ी हुई थीं निर्जीव और मैं प्रतीक्षा में थी दम साधे कि अब वे हरकत करेंगी- धिनक धिनक धिन्... धिनक धिन्... रच दोगे ...