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इतिहासों के प्रष्ठ बताते हमको यही कहानी है। मातृभूमि के लिए समर्पित रहती यहां जवानी है।। भारत की तरुणाई बताओ, कब मर्यादा भूली है। वन्देमातरम कहते कहते हंस कर फांसी झूली ...