लेखनी प्रतियोगिता -07-Apr-2022तुम बिन,

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तेरे बिन चाँदनी रात भी ख़ौफ़नाक मंजर, तेरे बिन बहार भी ऊसर बंजर। तेरे साथ वीराना भी  आवाद तेरे बिन  महल भी खण्डकर। तेरे बिन सुरमई शामे दर्द का पैकर तेरे ...

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