सूना सूना

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सूना सूना जीवन मेरा  आँगरो सा सुलग मन मेरा  रूह की भी आवाज़ दफन मेरी  काँटो से भरी हर राह मेरी !  टूटे पत्ते बगिया से मेरे  सावन में भी पतझड़ ...

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