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अजीब तमाशा है ये दुनिया का लाखों ली भीड़ है तन्हाइयों का घना साया है ! कहने को कोई रंगों से झिलमिली है जिंदगी मेरे ही हिस्से बस तन्हाई भारी रुसवाई ...