नारी

1 Part

242 times read

13 Liked

कितना कुछ सहती है !  नीर को पीती है  ! होठों पर न ओफ़  माथे पर न उसके  शिकन ही होती है !  प्रेम की देवी  ममता की घनी  हिम्मत पर्वत ...

×