लेखनी कविता -कविता संग्रह बनलता

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बनलता कुसुम वे उस में बिकसे रहें। बिकसिता जिस से सु बिभूति हो। बस सदा जिन के बर-बास से। बन सके अनुभूति सुबासिता।1। बहु-विमोहक हो छबि-माधुरी। मिल गये अनुकूल-ललामता। सरसता उस ...

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