लेखनी कविता -कविता संग्रह इक़रारनामा

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इक़रारनामा (शीला किणी के लिए) ये सच है जब तुम्हारे जिस्म के कपड़े भरी महफ़िल में छीने जा रहे थे उस तमाशे का तमाशाई था मैं भी और मैं चुप था ...

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