लेखनी कविता -कविता संग्रह आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको

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आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको॥ घर-घर तुलसी ठाकुर सेवा दरसन गोविन्द जी को॥१॥ निरमल नीर बहत जमुना में भोजन दूध दही को। रतन सिंघासण आपु बिराजैं ...

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