लेखनी कविता -कविता संग्रह चुप-चाप

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चुप-चाप  चुप-चाप चुप-चाप झरने का स्वर  हम में भर जाए चुप-चाप चुप-चाप शरद की चांदनी झील की लहरों पर तिर आए, चुप-चाप चुप चाप जीवन का रहस्य जो कहा न जाए, ...

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