लेखनी कविता -कविता संग्रह बहुत याद आती है

51 Part

163 times read

0 Liked

बहुत याद आती है जब चाँद तले चुपचाप बैठ जाती हूँ, चुपचाप अकेली और अनमनी होकर,  कोई पंथी ऊँचे स्वर से गा उठता, उस दूर तलक पक्की सुनसान सडक पर,  तब ...

Chapter

×