1 Part
569 times read
11 Liked
नभ ने नीली आँखें खोली, सूरज ने सिगड़ी सुलगाई धुंआ धुंध घाटी में, सर्दी बर्फ़-बर्फ़ मुस्काई सुई नोक से पत्ते बूटे, हरी टोपियां ताने बूँद ओस की अटकें यों, ज्यों मोती ...