लेखनी प्रतियोगिता -12-Apr-2022

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सपना था वो मेरा जिसका सपना खुद नाम था प्यार था मुझे उससे बस, ओर न कोई काम था दिल में बसी है सूरत उसकी और जुबां ख़ामोश है तन्हाइयों में ...

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