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जब जब मै किसी नदी के किनारे बैठता हूँ, तन्हाई मे तो बडा़ सकून मिलता है, दुनिया की भीड़ भाड़ से दूर एकदम अकेला देखता रहता हूँ उस सरिता का मदमस्त ...