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लोग कहते हैं कि मैं आवारा हूँ बस उन्ही की ठोकरों का मारा हूँ। बह रहें हैं सब इधर, यूँ ही बेपरवाह अरे! मैं भी तो उसी नदी का किनारा हूँ। ...