लेखनी कविता -13-Apr-2022

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ना हो हाथों में हाथ उसका, फिर भी एक आस रहने दो। जरूर मिलेंगे कहीं ना कहीं, दिल में ये एहसास रहने दो। बाहरी दुनिया के लिए भले वो आम है ...

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