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ग़ज़ल मेरे मन के कोरे कागज , पर तेरा ही नाम लिखा है। पढ़ लो मैंने अपनी नजरों में हर इक पैगाम लिखा है।। नागिन जैसी काली जुल्फें , गाल गुलाबी ...