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हाय री मेरी तोंद, कमर से चिपकी जैसे गोंद। खाऊं कुछ तो बाहर आ जाए, दिल मेरा फूला न समाए। पेट जो हो जाए खाली, बन जाती ये मवाली। नए पकवानों ...