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ऐ पथिक ना थककर बैठ अभी, इस छांव, कि मंजिल दूर हैं..... बाधा से बढ़कर चल दो तुम, शिखरों पर चढ़कर चल दो तुम, काटो को फूल समझ चल दो , ...