सर्दी और चाय

1 Part

435 times read

17 Liked

सर्दी और चाय सुनो अब वैसी चाय क्यों नही बनाती हो तुम ।  सर्दियां ये मेरी अब क्यों नही भगाती हो तुम । जिस मिठास के एहसास से खिल जाता था ...

×