लेखनी प्रतियोगिता -17-Apr-2022

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   हसरतें भी कर  हसरतें भी कर,  ख्वाहिशें भी कर।  कर सके जो कोई पूरी  तो फरमाइशें भी कर।  फरमाइशो का सिलसिला  कुछ यूं हैं कि पूरी हो तो वाह  वरना ...

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