लेखनी प्रतियोगिता -18-Apr-2022- बहाना

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हूँ मैं परी अपनी दुनिया की,  फूलों के बीच में रहती हूँ | पंख मेरे कभी हुए नहीं,  ख्वाबों की दुनिया में उड़ती हूंँ | दिन भर में भी कभी थकती ...

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