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गीत सोच रहा हूं, फूलों का, मकरंद तुम्हारे नाम लिखूं। मन से निकला, गीत, गज़ल हर छंद तुम्हारे नाम लिखूं।। मन मधुकर की भावनाओं को, बस तुमने चमकाया है। सूना उपवन ...