इंतेजार

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बरसों से जिसका हम को इंतज़ार था  जिसके लिए दिल ये कब से बेकरार था   गुजरते थे गलियों से बस उसकी एक झलक को  जर्रा जर्रा पहचानने लगा था उसके ...

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