1 Part
351 times read
43 Liked
तू सर्दी की धूप है मैं गर्मी की छाँव पिया। तू बने दिये की रौशनी, और मैं बन जाऊ दीया.. मैं हो जाऊ नज़्म कोई जो तु रहे अल्फ़ाज़ पिया में ...