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तू सर्दी की धूप है मैं गर्मी की छाँव पिया। तू बने दिये की रौशनी, और मैं बन जाऊ दीया.. मैं हो जाऊ नज़्म कोई जो तु रहे अल्फ़ाज़ पिया में ...