अभिमान एक दिन समुद्र को खुद पर अभिमान हुआ सोचा यहां कौन है जो मुझ सा महान हुआ मेरे आगे नतमस्तक सारा जहान हुआ मुझ से मांग रहा था रास्ता पालनहार ...

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