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प्रतियोगिता हेतु। मुक्तक। करीब आओ धड़कता दिल, सुहानी शाम आई है। सजा दो आज फिर महफिल, सुहानी शाम आई है।। तुम्ही अरमान हो मेरे, तुम्ही पहचान हो मेरी। तुम्ही हो बस ...