लेखनी प्रतियोगिता -28-Apr-2022 - ममता

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कान्हा का कान यशोदा ने हैं ऐंठा,  नंदलाला मुस्काता सा है बैठा| थोड़ा वो झिलाए,थोड़ा खिझाए,  मैय्या को वह तो रिझाए | कहता है मैय्या कान मेरा छोड़ो,  तुम गोपियों को ...

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