लोग कवि बन जाते है

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लोग कवि बन जाते है इस पार से अपलक निहारूँ तुम खड़ी रही उस पार प्रिये एक हो जाते दोनों के पथ यदि तुम आ जाते इस पार प्रिये उन्माद नही ...

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