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मै कोई मिट्टी का खिलौंना नहीं न हीं तुम कोई कुम्हार हों। जो मुझे अपने मनचाहें आकार कें अनुरूप मुझें ढालोगें और मै ढल जाऊँगी मै कोई मिट्टी का खिलौंना नहीं ...